1 साफ्टवेयर
पोग्राम या इन्फोरमेशन का समूह जिनके द्वारा किसी कार्य को हल किया जाता है और जिन्हें सिर्फ देख सकते है किया गया है। छु नहीं सकते उनको software कहते है। सॉफ्टवेयर को तीन भागो मे विभाजित
1) System software 3) Utility software
2) Application software
1) System Software:
यह वह सॉफ्टवेयर हैं जो सिस्टम के लिए कार्य करते है या जिनके द्वारा सिस्टम ओपरेट करवाए जाते हैं ऐसे सॉफ्टवेयर को सिस्टम सॉफ्टवेयर कहते है ओपरेटिंग सिस्टम को है सिस्टम सॉफ्टवेयर कहते है। इन सॉफ्टवेयर के बगैर कम्प्यूटर कार्य नहीं कर सकता है। क्योंकि यह कम्प्यूटर की मेमोरी मेनेजमेंट को ओपरेट करता है। हेन्ड वर पास्ट को मेनेज करता है तथा सिस्टम के अन्दर सॉफ्टवेयर को मेनेज करता है। और युजर को कार्य करने के लिए एन्वोरमेन्ट देता है। आज विभिन्न प्रकार के ओपरेटिंग सिस्टम मौजूद है। जिनका उपयोग अलग अलग क्षेत्रो में उनके मुताबिक होता है। उदाहरण Dos, Windows, unix, इत्यादि
Types of operating system
1) Single User Operating System 2) Multiuser Operating System.
3) Multi Programing Operating System 4) Multi Tasking Operating System
5) Multi Processing Operating System
2) Application Software :
यह साफ्टवेयर छोटे व बड़े दोनो आकार मे रहते है। इनको किसी कार्य के लिए बनाया जाता है। यह साफ्टवेयर आपरेटिंग सिस्टम के प्लैट फार्म पर आधारित रहता है। यह यह बगैर आपरेटिंग सिस्टम के कार्य नहीं कर सकता है। यह साफ्टवेयर हमेशा किसी कार्य को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं। उदाहरण paint-brush, रेल्वे रिजर्वेसन साफ्टवेयर बैंकिंग साफ्टवेयर इत्यादि
3 ) Utility Software : यूटिलिटी साफ्टवेयर भी आपरेटिंग सिस्टम पर आधारित रहते है हर ऑपरेटिंग सिस्टम के अपने अलग अलग युटिलिटी साफ्टवेयर आते है। इन साफ्टवेयर का उपयोग करके अपने को मेनटेन कर सकते है । उदा. इनका उपयोग करने से कम्प्यूटर के कार्य की गति बढ़ जाती है मेमोरी स्पेस बढा सकते है और उसके अन्दर होने वाली आन्तरिक समस्या को भी दूर कम्प्यूटर कर सकते है। कुछ यूटिलिटी साफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ बने बनाये आते हैं और कुछ
साफ्टवेयर को अलग से डाला जाता है। जैसे :- कम्पायलर, इंटरप्रेटर, स्कैनडिस्क इत्यादि । भाषा एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति से कम्यूनिकेट कीया जाता है। कम्प्यूटर के अंदर दो प्रकार की भाषाएँ हैं ।