Introduction of DoS :
DOS एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है क्योंकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम फ्लापी डिस्क के ऊपर चलाया जाता था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए सिस्टम में पहले फ्लापी डिस्क लगाते हैं और फिर सिस्टम को स्टार्ट किया जाता है। डॉस सबसे पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को आई.बी.एम. पी.सी. में सबसे पहले उपयोग किया जाता था और आज इसे फ्लापी की जगह हार्ड डिस्क में स्टोर करके चलाया जाता है। किसी भी मशीन के लिये ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता है क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा मशीन के सभी हार्डवेयर व साफ्टवेयर को ऑपरेट किया जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न प्रोग्रामों का समूह है जिसके द्वारा पूरे सिस्टम को ऑपरेट करते हैं। यह साफ्टवेयर सेकंडरी स्टोरेज डिवाईस में स्टोर किया जाता है जैसे फ्लापी, हार्ड डिस्क, मैगनेटिक टेप इत्यादि ।
ऑपरेटिंग सिस्टम सिस्टम में होने वाली सभी ऑपरेशन को ऑपरेट करता है। यह कम्प्यूटर के सभी हार्डवेयर कम्पोनेंट को ऑपरेट करता है। प्राईमरी व सेकंडरी मेमोरी को ऑपरेट करता है और यूजर के द्वारा दिये गये इंस्ट्रक्शन को ऑपरेट करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही कम्प्यूटर बूट होता है। डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसमें एक समय पर एक कार्य किया जा सकता है। इसमें टाईम शेयरिंग नहीं होती है और न ही इसमें मल्टीपल प्रोग्राम चला सकते हैं। यह ऑपरेटिंग सिस्टम केरेक्टर बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है।
DOS Operating System सबसे पहले पीसी डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता था । पर्सनल कम्प्यूटर पीसी डॉस को आई.बी.एम. के द्वारा डिजाइन किया गया जिसको बिलगेट्स नामक साइंटिस्ट ने बनाया था। यह ऑपरेटिंग सिस्टम सिर्फ आई.बी.एम. कम्प्यूटर में उपयोग होते थे। पी.सी. डॉस 1980 में बनाया गया बाद में बिलगेट्स ने माईक्रोसाफ्ट कम्पनी बनाई और खुद का एम.एस. डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया । 1981 में एम.एस. डॉस एक जनरल ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसे किसी भी जनरल मशीन पर चला सकते थे । डॉस के वर्जन :
1. MS DOS 1.0
3. MS DOS 2.0
2. MS DOS 3.0
इनमें हुये वर्जन में जब भी प्वाइंट के पहले चेंज होता है तो उसे मेजर चेंज कहा जाता है। और जब प्वाइंट के बाद चेंज होता है तो उसे माईनर चेंज कहा जाता है।
Physical Structure of Disk:
DOS Operating System Disk के ऊपर चलाया जाता था जैसे फ्लापी डिस्क, हाई डिस्क इत्यादि । उस समय डिस्क विभिन्न प्रकार में मिलती थी i) Single Side :- जिसमें कि 40 ट्रेक होते हैं और प्रत्येक ट्रेक में 90 सेक्टर होते हैं। एक सेक्टर 512 बाईट का होता था और इसी जगह पर डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम स्टोर किये जाते हैं। अब डिस्क डबल साईड में भी मिलती है जिसमें दोनों साईड के ट्रेक 80 होते हैं, सेक्टर 180 और बिटस 1024 इस डिस्क में डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा तेजी से कार्य कर सकता था क्योंकि इसमें मेमोरी स्पेस अधिक होता है।
Drive Name : कम्प्यूटर के अंदर सभी स्टोरेज डिवाईस को किसी नाम के द्वारा एक्सेस किया जाता है उस नाम को ड्राइव नेम कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि ड्राइव नेम मेमोरी तक पहुंचने का एक साधन है। ड्राइव नेम पहले से डिफाईन है। हार्ड डिस्क को 'सी' ड्राइव के नाम से जाना जाता है। फ्लापी को 'ए' अथवा 'बी' ड्राइव के नाम से जाना जाता है।
FAT | File Allocation Table] :
Fat सभी स्टोरेज डिवाईस के फस्ट सेक्टर में स्टोर होता है। फैट के अंदर फाईल्स के
नाम मेमोरी लोकेशन डाटा टाईम इत्यादि जैसी इनमेशन लिखी रहती है। जब भी स्टोरेज • डिवाईस को एक्सेस करते हैं तो कम्प्यूटर सबसे पहले फैट को रीड करता है। उसमें से फाईल को सर्च करता है और फिर अपने आप सर्च की गई मेमोरी लोकेशन तक पहुंच जाता है। सिस्टम की डिटेल्स लिखी रहती है।
System File: MS-DOS.SYS
:- इस फाईल के अंदर एम.एस. डॉस
इसके द्वारा ही एम.एस. डॉस मेमोरी में लोड होती है।
IO.SYS
:- यह फाईल कम्प्यूटर की सभी इनपुट और आउटपुट डिवाइस की इनफॉर्मेशन को स्टोर रखती है। जैसे डिवाईस के नाम ड्राईव्स इत्यादि। इस फाईल के द्वारा ही कम्प्यूटर इनपुट और आउटपुट डिवाइस को चेक करता है।
Config. Sys:- इस फाईन के अंदर कम्प्यूटर के कनफिग्रेशन की इनफॉर्मेशन स्टोर रहती है। जैसे मेमोरी डिटेल, हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क मेमोरी इत्यादि इसी फाईल के अंदर कम्प्यूटर की
बूटिंग प्रोसेस की कुछ विधि लिखी रहती है।
Command.Com :- यह एम.एस. डॉस की फाईल है। इसके अंदर एम.एस. डॉस की कमाण्ड लिखी रहती हैं। यह फाईल मेमोरी में अपने आप एक्जीक्यूट होती है। जब भी कम्प्यूटर बूट किया जाता है यह फाईल एक्जीक्यूट करती है। इसमें लिखे निर्देशों को स्वतः क्रियान्वित करती है। इसलिए इसका नाम आटो एक्जीक्यूट या स्वतः क्रियान्वयन हेतु रखा गया है।
Booting Process:
Booting Process भी अपने आप में एक प्रोग्राम है जिसके द्वारा कम्प्यूटर स्टार्ट होता है। यह प्रोग्राम अपने आप रन होता है जब भी हम कम्प्यूटर को स्टार्ट करते हैं। इस प्रोग्राम के अंदर कम्प्यूटर के कार्य करने की विधि लिखी रहती है। कम्प्यूटर स्टार्ट होने पर कौन-कौन से पार्ट को रीड करे और कौन सी सिस्टम फाईल को कम्प्यूटर की मेमोरी में लोड करे और फिर ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करे। जब भी कम्प्यूटर स्टार्ट करते हैं तो सबसे पहले मेमोरी में सिस्टम फाइलें लोड होती है।
जैसे Command.Com, IO.SYS,
MSDOS.SYS और Config Sys] इत्यादि ।
सिस्टम फाईल लोड होने के पश्चात् ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी में लोड होता है और फिर वह
सिस्टम के एक-एक कम्पोनेंट को रीड करता है।
Types of Booting :
1)
Cold Booting 2)
Warm Booting
1. Cold Booting:
कम्प्यूटर को कोल्ड बूटिंग करने के लिए हमेशा पावर स्विच का उपयोग करना पड़ता है। इस बूटिंग में कम्प्यूटर की पॉवर सप्लाई पूरे तरीके से बंद हो जाती है और फिर दुबारा पावर स्वीच ऑन करके उसे बूट किया जाता है। जैसे शटडाउन करने के बाद बगैर पावर स्विच के कम्प्यूटर ऑन नहीं होता है ।
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2.Warm Booting :
इस बूटिंग में कम्प्यूटर की पावर सप्लाई पूरी तरह से बंद नहीं होती है और उसे दुबारा रिस्टार्ट करते हैं जैसे Ctrl + Alt + Del तीनों बटनों को एक साथ दबाकर कम्प्यूटर को दुबारा रिस्टार्ट करते हैं इसे वार्म बूटिंग कहा जाता है।
Rules to define of file name :
Computer में किसी भी फाईल का नाम दो भागों में विभाजित है ।
1.
Primary name
2. Secondary name
1. Primary name :
यह नाम फाईल की पहचान है जो कि अधिकतम 8 करेक्टर का दिया जाता है। सभी फाईल के नाम एक दूसरे से अलग अलग होने चाहिए। फाईल के नाम की शुरूआत अल्फाबेट से करते हैं
और नाम के बीच में स्पेस नहीं देते हैं।
2. Secondary name :
यह नाम फाईल के नाम के बाद लिखा जाता है। इसके द्वारा फाईल का टाईप दर्शाया जाता है कि फाईल किस प्रकार की है। सेकंडरी नेम हमेशा 3 करेक्टर का होता है। प्राईमरी नेम और सेकंडरी नेम के बीच में डॉट आपरेटर का प्रयोग किया जाता है ।
DOS COMMANDS
Date () Command:
Date
Command का प्रयोग कम्प्यूटर की करेंट डेट को डिस्प्ले या चेंज करने के लिये
किया जाता है।
Syntex :- C:\> Date
The Current Date is Mon 07.03.2003
Enter new Date (MM-DD-YY)......
Time() Command:
Time Command का प्रयोग कम्प्यूटर सिस्टम का करेंट टाईम डिस्प्ले या चेंज करने के
लिये किया जाता है।
Syntex :- C> Time O
The Current Time is 11:15,26.30am
Enter new time (HH: MMSS)...
CLS
Command (Clear Screen) :
इस कमांड का प्रयोग सीन को क्लीयर करने के लिये किया जाता है।
इस कमाण्ड का प्रयोग किसी भी करेंट डायरेक्टरी की फाईल तथा सब डायरेक्टरी की करने के लिए किया जाता है।
Syntex-C CLS Dir Command:
Syntex:CDir/Switches]
Switches Meaning
P Display
file & Directory in page wise
W Display files
& Directory in width wise
A
Display only directories
A-D
Display only Files
AH
Display hidden files & directories
AS
Display system files
Copy Con Command:-इसका प्रयोग स ऑपरेटिंग सिस्टम में एक नई टेक्स्ट फाईल बनाने के लिये किया जाता है।
Syntex-C Copy Con file name
Ex.:-CCopy Con BHOPAL
…………………………….
…………………………….
Fo or Curl Z से सेव करना चाहिये तथा फाईल का नाम 8 करेक्टर का होना चाहिए । Edit Command का फाईल प्रयोग डॉस में एक नई फाईल को बनाने तथा किसी बनी हुई फाइल में माडीफिकेशन करने में या उसे दुबारा ओपन करने के लिये किया जाता है Syntex: C:\>Edit File
name
Find Command:
इस कमाण्ड के द्वारा फाईल के अंदर किसी भी इनफार्मेशन को ढूंढ सकते हैं अगर सर्च की गई इनफॉनेशन मिल जाती है तब यह पूरी लाईन से दर्शाता है अन्यथा कुछ नहीं दिखायेगा । Syntex:C:\>Find
"String" File name
Copy
Command: इस कमाण्ड के द्वारा फाईल को एक डायरेक्टरी से दूसरी डायरेक्टरी के अंदर कॉपी करतेहै।
Syntex Cl>Copy File name [Drive] [Path)
CA\C
Copy Ram C:/B/D
Move
Command:
इस कमाण्ड के द्वारा एक डायरेक्टरी की फाइल को दूसरी डायरेक्टरी के अंदर कॉपी करते है
Syntex :- Move file name [Drive] [Path]
C:AA\C> Move Ram C:\B
C:\Nisha\Poonam > Move SS F\Nisha
Wild Card Method :
Wild Card एक स्पेशल टाईप के केरेक्टर को मैच करवाने के लिये कार्ड दो प्रकार के होते हैं ।
i) Astrick (*) :- इसके द्वारा पूरे शब्द को मैच करवाया जाता है।
दिया जाता है।
ii) ? इसके द्वारा केवल एक केरेक्टर को मैच करवाया जा सकता है ।
प्रश्न 1. डायरेक्टरी में उन फाईलों की लिस्ट देखने के लिये जिसका तीसरा अक्षर
C:\> Dir ?? C*
Ex.:- DOC Document
Attrib Command:
इस कमाण्ड के द्वारा फाईल के ऊपर अलग-अलग प्रकार की परमीशन दी जाती है जिसको
फाईल की सिक्योरिटी भी कहते हैं ।
Permission :
i)
R [Read Permision / :- इस परमीशन के देने पर फाईल के अंदर की इनफॉर्मेशन
को सिर्फ पढ़ सकते हैं, इसमें कुछ लिख नहीं सकते और न ही इसे डिलीट कर सकते हैं।
ii)
H - [Hidden ] :- इस परमीशन को देने से फाईल हिडन हो जिनको कि Dir command को चलाने पर डायरेक्टिरी लिस्ट में नहीं देख सकते है।
iii) A
[Archive]:- इस परमीशन को देने पर फाईल को हिस्टोरिकल बनाया जा सकता है
Method to
Give the Permision and Remove the permision:
Permision देने व हटाने का तरीका
i) + इसके द्वारा परमीशन दी जाती है । ii) : इसके द्वारा परमीशन हटाई जाती है ।
Syntex: C:\A\B> Shyam Attrib +/-r/h/ a file names
Attrib+h Shyam
Attrib -h Shyam
Prompt Command : इस कमाण्ड के द्वारा एम. एस. डॉस का कमाण्ड प्राम्प्ट बदल सकते हैं।
Option
Result
$$
$
$D System Date
$T System Time
$g >
$L <
$P Path
Message - Message
EX:- C:\Window>
Prompt IICE $g Change to IICE
C:\Window> Prompt $P$G Change To original Prompt
Deltree Command:
इस कमाण्ड से डायरेक्टरी के पूरे स्ट्रक्चर को उसकी सब डायरेक्टरी सहित रिमूव कर सकते हैं।
Syntex:-Cdeltree directory name
XCopy
Command:
Xcopy command copy command की तरह है मगर इसके द्वारा डायरेक्टरी और उनके अंदर की सब डायरेक्टरी को भी कॉपी कर सकते हैं सब डायरेक्टरी कापी करने के लिये
/s का उपयोग किया जाता है।
Syntex :- Xcopy directory name / s [Drive]
[Path]
Ex.: Xcopy A/S CAK
Tree Command:
यह कमाण्ड डायरेक्टरी के स्ट्रक्चर को एक ट्री के रूप में दर्शाता है।
Syntex:-Tree directory name
Format Command:
यह एक एक्सटर्नल कमाण्ड है। इसके द्वारा किसी भी स्टोरेज डिवाइस को फार्मेट कर सकते हैं। फार्मेट करने से स्टोर डिवाईस के अंदर की सारी जानकारी डिलीट हो जाती है और उस स्टोरेज डिवाईस को दुबारा उपयोग करने लयाक बनाती है।
Syntex :-format drive
DISKCOPY Command:
इस कमाण्ड के द्वारा एक फ्लापी डिस्क की डुप्लीकेट फ्लापी तैयार कर सकते हैं। इस कमाण्ड के लिये यह जरूरी है कि दोनों फ्लापी डिस्क एक समान साईज की हों ।
Syntex
:- DISKCOPY A :
SYS Command:
इस कमाण्ड के द्वारा स्टोरेज डिवाईस के अंदर सिस्टम फाईल कॉपी करते हैं। यह कमाण्ड
फारमेट कमाण्ड के बाद ही कार्य करती है
Syntex:-SYS
Drive name
SORT Command:
"यह कमाण्ड फाईल के अंदर की इनफार्मेशन को घटते या बढ़ते आर्डर में अरेंज करके दर्शाती है । बाई डिफाल्ट यह एसेंडिंग आर्डर के ऊपर कार्य करती है। डिसेडिंग आर्डर के लिए
/ R का उपयोग किया जाता है।
Syntex: i) Sort filename asending
ii) Sort / R file name desending
Batch File :
यह एक टेक्स्ट फाईल है। इसके अंदर केवल एम.एस. डॉस की कमाण्ड लिखी जाती है और इस फाईल को रन भी कराया जा सकता है। बैच फाईल के अंदर लिखी गई कमाण्ड स्टेप बाई स्टेप एक्जीक्यूट होती है। बैच फाईल एक ऐसी फाईल है जो अपने आप एक्जीक्यूट हो सकती है बैच फाईल का एक्टेंशन BAT होता है। इस फाईल को रन करवाने के लिये फाईल का नाम लिखकर इंटर मारा जाता है।
Command Line Parameter:
Command
Line Parameter में डायरेक्टरी अथवा फाइन के नाम बैच फाईल को रन करते वक्त कमाण्ड प्रॉम्प्ट में दिये जाते हैं। कमाण्ड लाईन पैरामीटर के लिए % का उपयोग करते हैं% की शुरूआत से की जाती है।
Syntex: C>file name %1%2%3%
Ex. C:\file name Ram Sama, Sonu, Sam
Example:
Copy con Bhopal.bat
md%1
md%2
md %3
md%4
cd%2
copy
con %5
cd..
cd%3
copy
con%6
cd..
cd%4
copy
con %7
cd..
F6
syntex:
BHOPAL AXYZAI A2 A3
Doskey Command:
इस कमाण्ड के द्वारा एम.एस. डास की कमाण्ड को ऐरो की के द्वारा देखा जा सकता है। यह उन्हीं कमाण्ड को दर्शाता है जो कमाण्ड यूजर के द्वारा चलाई जाती हैं। यह चलाई गई कमाण्ड की हिस्टरी दर्शाता है ।
Syntex: Doskey
Mode Command: इस कमाण्ड से एम. एस. डॉस की स्क्रीन का मोड कम या ज्यादा कर सकते हैं और यदि स्क्रीन के मोड कम कर देते हैं तो स्क्रीन के लेटर्स बड़े दिखने लगते हैं और यदि मोड बढ़ा देते हैं। तो लेटर छोटे-छोटे दिखते हैं।
Syntex: Mode 40
Mode
80
Diskcomp Command:
यह एक एक्सटर्नल कमाण्ड हैं । इसके द्वारा दो डिस्क को आपस में कम्पेयर कर सकते है। लेकिन यह जरूरी है कि दोनों डिस्क एक समान साईज की हों। यह कम्पेयर करते वक्त बिट बाई। बिट, ट्रेक बाई ट्रेक और सेक्टर बाई सेक्टर कम्पेयर करता है। कम्पेयर करने के बाद अंत में ए लिस्ट डिस्प्ले करता है जिसमें दोनों डिस्क की तुलना की जाती है ।
Syntex : Diskcomp [Dirve name]
CHKDSK
Command:
इसके द्वारा किसी भी स्टोरेज डिवाइस के अंदर की इरर को ढूढ़ सकते हैं। यह लॉजिकल
और फिजिकल दोनो प्रकार की इरर को ढूंढ़ता है ।
Syntex
: CHKDSK [Drive Name]
FDISK Command:
यह एक इंटरनल कमाण्ड है । इसके द्वारा किसी भी स्टोरेज डिवाइस का पार्टीशन कर सकते हैं। पार्टीशन करने से पहले यह कमाण्ड स्टोरेज डिवाइस को पहले फार्मेट करती है। इसके बाद यह बताया जाता है कि डिस्क को कितने पार्ट्स में विभाजित करना है फिर हर पार्ट्स रूट के लिए मेमोरी की जगह सेट की जाती है।
Syntex:FDISK
Backup
Command:
इस कमाण्ड के द्वारा किसी भी फाईल का बैकअप तैयार कर सकते हैं मगर बैकअप हार्ड 300 डिस्क से फ्लापी डिस्क में या फ्लापी डिस्क से हार्ड डिस्क में लिया जाता है। जब भी किसी फाईल का बैकअप बनाते हैं तो कम्प्यूटर उसे बाईनरी फार्मेट में स्टोर करता है। बैकअप बनाई गई फाईल को बगैर रिस्टोर किये ओपन नहीं कर सकते हैं ।
Syntex :-Backup filename [ Drive] [Path]
Restore Command:
इस कमाण्ड के द्वारा बैकअप वाली फाईल को दोबारा नार्मल मॉड में रिस्टोर कर सकते हैं। Syntex : Restore file name
[Drive][Path]
Print Command: इस कमाण्ड से किसी भी फाईल के अंदर की जानकारी को प्रिंटर के द्वारा प्रिंट करवा सकते हैं ।
Syntex Print filename
Path Command:
Path Command से किसी भी डायरेक्टरी का पाथ डिफाईन कर सकते हैं ।
Path = C:\A:
Label Command: इससे किसी भी स्टोरेज डिवाईस का लेबल देख सकते हैं। इसमें अधिकमत 11 करेक्टर लिख सकते हैं।
Syntex:
Label
Append Command: एक फाईल की जानकारी को दूसरी फाईल में जोड़ने का कार्य अपेण्ड कमाण्ड के द्वारा होता है। यह हमेशा फाईल के अंत में इनफारमेशन जोड़ती है।
Syntex Append filename CA\filename. इससे दूसरी फाईल के अंत में रिकार्ड्स जुड़ते हैं ।
Executable & Non
Executable File :
वह फाइलें जिनको रन कर सकें तथा जिन्हें रन करने से रिजल्ट प्राप्त होता है उन्हें एक्जीक्यूटेबल फाईलें कहते हैं। एक्जीक्यूटेबल फाईल को फाईल का नाम लिखकर रन कर सकते हैं। इन फाईलों के एक्टेंशन अलग-अलग प्रकार के होते हैं। EXE, SYS, COM इत्यादि । एक्जीक्यूटेबल फाईल के अंदर कमाण्ड का एक समूह लिखा जाता है जिनके द्वारा किसी कार्य को हल कर सकते हैं। डॉस में कुछ एक्जीक्यूटेबल फाईलों के कारण बूट होते वक्त सिस्टम अपने आप बूट हो जाता है जैसे- कमाण्ड डॉट काम, आईओ डॉट सिस इत्यादि और कुछ फाईलों को यूजर नेम लिखकर भी यूज कर सकता है जैसे back files.
Non Exicutable File :
Non Executable File Text File कहलाती है । इन फाईलों के अंदर, टेक्स्ट, नम्बर फोटो व ग्राफिक्स जैसे जानकारी स्टोर की जाती है। इन फाईलों को एक्जीक्यूट नहीं कर सकते हैं इनको केवल ओपन करके इनकी इनफार्मेशन को पढ़ा जा सकता है। इन फाईलों के अंदर कमाण्ड की जगह महत्वपूर्ण डाटा स्टोर किया जाता है। इन फाईलों का एक्स्टेंशन . TXT, BMP, DOC, XLS इत्यादि होते हैं